It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

राजस्थान के चीफ जस्टिस बोले-मैं भी डिजिटल अरेस्ट होते-होते बचा
By Lokjeewan Daily - 01-07-2025

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव भी डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने से बच गए। मुख्य न्यायाधीश ने सोमवार को यह टिप्पणी डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान की।

दरअसल, हाईकोर्ट ने जनवरी में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। सोमवार को सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ इस मामले में सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई के दौरान सीजे श्रीवास्तव ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा- मैं भी डिजिटल अरेस्ट होने का शिकार होते-होते बचा। एक बार मेरे पास भी एक कॉल आया था। मैंने तुरंत ही अपना मोबाइल रजिस्ट्रार को दे दिया। रजिस्ट्रार ने ही उस कॉल को लेकर निस्तारित किया।

केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब हाईकोर्ट ने मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था, लेकिन उनकी तरफ से जवाब पेश नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने कहा- सरकार अपना जवाब पेश करे। कोर्ट ने कहा था कि डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड में निर्दोष लोगों ने न केवल अपनी कमाई गंवा दी, बल्कि कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है।

इन अपराधों से आमजन को बचाने और इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ने इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन फिर भी इनकी रोकथाम के लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है।

आरबीआई सिस्टम डवलप करें कोर्ट ने मामले में आरबीआई को भी निर्देश देते हुए गंभीर कदम उठाने की जरूरत बताई थी। कोर्ट ने कहा था कि आरबीआई और सरकार की शिकायत निवारण समिति को पोर्टल या वेबसाइट या मोबाइल नंबर पर प्राप्त होने वाली धोखाधड़ी से आमजन को बचाने के लिए भी एक सिस्टम डवलप करने की जरूरत है, ताकि निर्दोषों के पैसे को बचाया जा सके।

अन्य सम्बंधित खबरे