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एमजीएच ने बेसहारा बाबा को दिया सहारा, परिजन मानकर कर रहे सेवा
By Lokjeewan Daily - 03-05-2025

- पंजाब निवासी वृद्ध सडक़ हादसे में हुआ था घायल
- लावारिस होने के कारण कोई देखभाल करने वाला नहीं
भीलवाड़ा लोकजीवन। जिले के सबसे बड़ेे महात्मा गांधी चिकित्सालय में इन दिनों रोगियों के इलाज के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिल रहा है। हाल ही में मांडलगढ़ क्षेत्र में एक सडक़ दुर्घटना में घायल हुए पंजाब निवासी बाबा धर्मवीर (61) को पुलिस ने अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में भर्ती कराया। हादसे में पैर में फैक्चर होने और लावारिस होने के कारण उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें अकेला महसूस नहीं होने दिया। नर्सिंग ऑफिसर गिरिराज लढा और अन्य कर्मचारियों ने बाबा धर्मवीर को अपना परिजन मानकर उनकी सेवा की, जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। कर्मचारियों ने न केवल बाबा धर्मवीर की चिकित्सा जरूरतों का ध्यान रखा, बल्कि उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखा। उन्हें नियमित रूप से नहलाया-धुलाया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि उन्हें किसी प्रकार की असहजता न हो। मानवता की मिसाल पेश करते हुए, कर्मचारियों ने अपने निजी खर्च से बाबा धर्मवीर के लिए शैम्पू, परफ्यूम और पाउडर तक का इंतजाम किया, ताकि वार्ड में किसी को भी उनसे किसी प्रकार की दुर्गंध न आए। इसके साथ ही, अस्पताल में उनके दोनों समय के भोजन और चाय की भी विशेष व्यवस्था की गई, ताकि उन्हें घर जैसा माहौल मिल सके। इस पूरे सेवाभाव और समर्पण में अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ का विशेष मार्गदर्शन रहा।
परिजन मानकर सेवा, मानवीय संवेदना की अनूठी पहल
एमजीएच में बाबा धर्मवीर की देखभाल का तरीका वास्तव में अद्वितीय है। लावारिस होने के बावजूद, उन्हें  अकेलापन महसूस नहीं होने दिया जा रहा। नर्सिंग ऑफिसर गिरिराज लढा बताते हैं,कि जब हमें पता चला कि उनका कोई नहीं है, तो हमने उन्हें अपना ही मान लिया। एक बुजुर्ग व्यक्ति को इस हालत में देखकर किसी का भी मन द्रवित हो जाएगा। हमारी कोशिश यही थी कि उन्हें हर संभव आराम मिले और वे जल्द स्वस्थ हों।
अधीक्षक का प्रोत्साहन, सेवाभाव को मिला नेतृत्व का साथ
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ ने इस मानवीय पहल में कर्मचारियों का पूरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल के कर्मचारी जिस भावना से काम कर रहे हैं, वह सराहनीय है। यह सिर्फ एक मरीज की देखभाल नहीं है, बल्कि मानवीय मूल्यों की स्थापना है। हमने कर्मचारियों को हर संभव सहायता प्रदान की है और आगे भी करते रहेंगे। ऐसे कर्मचारियों पर हमें गर्व है जो अपनी जिम्मेदारी के साथ-साथ इंसानियत को भी महत्व देते हैं।  

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